आजकल हवाई जहाज  में जो भी कोई यात्रा करता है, तो वो हमेशा विंडो  वाली सीट ही बुक करता है। इसका कारण भी  है कि आपको 35000 फुट की ऊचांई से  आसमान के  बेहतरीन नजारे आपको   कभी कभार ही देखने को  मिलते हैं । अगर आपने  कभी हवाई जहाज में सफर किया है ओर अगर आपने ध्यान दिया हो तो  आपका ध्यान  आपकी खिड़की में बने एक छोटे से छेद पर  जरूर गया होगा । अगर नही गया , तो अगली बार आप जब भी हवाई यात्रा करें, तो खिड़की में नीचे की और बने  एक छोटे से छेद को जरूर देखिएगा।  क्या आप जानते हैं कि वो छेद  उस खिड़की में किसलिए  बना  होता है?

इसका जबाब में दो जवाब है   | पहला जवाब होगा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से और दुसरा होगा हास्यास्पद  |  


वैज्ञानिक दृष्टिकोण :- 


वैसे तो प्लेन की खिड़की पर मौजूद कोई भी छोटा सा छेद या दरार  हवाई जहाज के यात्रियों में ड़र  की भावना पैदा कर सकती है। मगर इस छेद कि  सच्चाई तो कुछ और  है।  खिड़की पर मौजूद वो छोटा सा छेद हवा के दबाव को मेंटेन  रखने के लिए होता है। इसके अलावा यह छेद खिड़की को अधिक दबाव के चलते टूटने से भी बचाता है।


एक  हवाई जहाज की खिड़की में तीन शीशे होते हैं यानि तीन शीशे की परतें होती है । सबसे  बाहरी और बीच के शीशे को इस तरह से लगाया जाता है कि वो हवा के दबाव को  मेंटेन कर सके। खिड़की पर बना यह छेद बीच के शीशे पर होता है।  विज्ञान के अनुसार,  जब विमान 35000  फीट की ऊंचाई पर उडा़न भर रहा होता है तो हवाई जहाज पर प्रतिइंच कई किलोग्राम  के आस - पास का दबाव पड़ता है।


यह दबाव इतना अधिक होता है कि  यह मानव शरीर को काफी हानि पहुँचा सकता है। इसी के कारण  उड़ते हुए हवाई जहाज के केबिन  में अलग से केबिन दबाव  जिसे हम कृत्रिम  दबाव भी बोलते है  बनाया जाता है।  हवाई जहाज कि खिड़की के सबसे बाहरी शीशे पर सबसे अधिक दबाव होता है। आपातकाल के समय में इसकी जरूरत और पड़ जाती है। यह तो था इसका वैज्ञानिक कारण अब कुछ लोग इसे मनोरंजन के रूप में भी लेते हैं |  कुछ लोग इस छेद के निम्न कारण भी बताते   हैं |  


 कारण है  :- 




यदि आपके शिशु को लघुशंका लगी हो तो इस छेद का प्रयोग  आप उसे मूत्र विसर्जन करवाने के लिए भी आप कर सकते हैं | 




यदि विमान से निचे देखने पर अगर आपको कोई कुत्ता वगैरह दिख  जाए तो आप इस छेद का उपयोग  उसे हुर्र-हुर्र कर के भगाने के लिए भी कर सकते  है | 


यदि  किसी यात्री को सर्दी जुकाम हो और उसकी नाक बह रही हो तो  वो इस  छेद का उपयोग अपनी नाक साफ करने के लिए भी कर सकता है | 


 किसी यात्री को  नाक में ऊँगली करने की आदत हो तो ऊँगली के साथ  जो पदार्थ  बाहर उसे  बाहर करने के लिए भी  आप इसका युज कर सकते हैं | 


यदि यात्री गुटखा या तबांकू का सेवनकर्त्ता है तो उनके द्वारा  बाहर थूकने के लिए | 




अगर किसी हवाई यात्री  का शरीर भारी भरकम हो और  लगातार बैठे रहने से  उसके पेट में  गैस ने स्थान बना लिया हो तो वो यात्री उस छेद का उपयोग  अपनी  गैस  को अथाह ब्रह्माण्ड में  छोड़ने के लिए  भी कर सकता है |क्योंकि अंदर छोड़ने/छूट जाने की स्थिति में अन्य यात्रियों के लिए दिक्कत होगी आपात लैंडिंग की भी नौबत आ सकती है | 


अब ये आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इस छेद का उपयोग अपनी जरूरत के हिसाब से कैसे करते हैं |